पेरासिटामोल एक प्रकार की दवाई है जिसे माइल्ड फीवर या दर्द के समय इस्तेमाल किया जाता है। पेरासिटामोल दर्द को जड से खत्म नहीं करती है बल्कि दर्द के एहसास को कम करती है। साथ ही बुखार आने पर पेरासिटामोल के सेवन से आपके शरीर का तापमान कम हो जाता है। इसका असर चार से छे घंटे के बीच रहता है। आपको पूरी और सही जानकारी के बिना इसका सेवन बिना डोक्टर की सलाह से नहीं करना चाहिए। चलिए जानते हैं पेरासिटामोल के सेवन का सही तरीका क्या है।
पेरासिटामोल की सही खुराक
एक एडल्ट को तीन सौ पच्चीस से छे सौ पचास M G तक की पेरासिटामोल का सेवन करना चाहिए। इस दवा को चार से छे घंटे के बीच के अंतराल में लेना चाहिए क्योंकि एक खुराक का असर करीब चार से छे घंटे के बीच ही रहता है। गाइडलाइन के अनुसार बुखार में पांच सौ एमजी पेरासिटामोल को छे घंटे के बाद ही लेना चाहिए।
कब नहीं लेनी चाहिए पेरासिटामोल
अगर आप तीन दिन से लगातार पेरासिटामोल ले रहे हैं और बुखार नहीं उतर रहा है तो आपको इसका सेवन नहीं करना चाहिए। किसी भी तरह के दर्द में दस दिन से ज्यादा पेरासिटामोल नहीं लेनी चाहिए। साथ ही अगर आपको लीवर, किडनी, अल्कोहल और अंडर वेट की समस्या है तो आपको डोक्टर की सलाह के बिना इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
क्या हैं पेरासिटामोल के Side Effects
ज्यादा पेरासिटामोल के सेवन से आपको Side Effects भी हो सकते हैं। आपको एलर्जी, स्किन पर रेशेज या blood disorder जैसी परेशानी हो सकती है। इसके साथ ही पेरासिटामोल के गलत इस्तेमाल से लिवर और किडनी डैमेज होने का खतरा भी रहता है। पेरासिटामोल के ओवरडोज से डायरिया, ज्यादा पसीना, भूख की कमी, बेचैनी, उल्टी, पेट में दर्द, सूजन, दर्द, पेट में मरोड़ जैसी समस्या भी हो सकती है।
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तो दोस्तों ये थे पेरासिटामोल के Side Effects। ऐसी ही और informative जानकारी के लिए हमारे फेसबुक पेज को like और यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें।